मानसिक बीमारी कमजोरी नहीं-इलाज योग्य अवस्था है। आपातकाल में मदद लेना साहस है, अपराध नहीं!

बुरहानपुर। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य मिशन के निर्देशानुसार तथा श्रीमान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व श्रीमान सिविल सर्जन-सह अधीक्षक जिला चिकित्सालय बुरहानपुर के मार्गदर्शन में मनकक्ष विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खकनार में मानसिक स्वास्थ्य जांच जागरूकता परामर्श शिविर आयोजित किया गया।
शिविर में ग्रामीण व आदिवासी समुदाय को तनाव, चिंता, अवसाद, नशे की लत, पारिवारिक तनाव और आत्महत्या जोखिम जैसे मुद्दों पर जागरूक किया गया तथा मानसिक आपात स्थिति में तुरंत सहायता लेने की अपील की गई। ग्रामीणों को बताया गया कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ अब गांव-स्तर पर उपलब्ध हैं और किसी भी असामान्य व्यवहार या आत्महत्या-संबंधी विचार दिखने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता से संपर्क करें।
गर्भवती माताओं को प्रसव-पूर्व मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण, मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी, तथा परिवार के भावनात्मक सहयोग के महत्व की जानकारी दी गई। स्टाफ को तनाव व समय प्रबंधन तथा आपात स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों पर प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही मनहीत एप, टेली-मानस 14416, सीपी/एफसीसी व पीएमएच सेवाओं की जानकारी दी गई।
आशा कार्यकर्ताओं को “गेटकीपर (मित्रम)” की भूमिका में आत्महत्या रोकथाम हेतु प्रारंभिक पहचान और त्वरित सहायता के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. निखिल चौधरी, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर सीमा डेविड, डॉक्टर अंसारी,डॉ विजय अलावे मेडिकल ऑफिसर एवं स्वास्थ्य कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, मरीज व परिजन उपस्थित रहे।
मुख्य संदेश – ग्रामीण क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य समर्थन और जागरूकता से समय पर पहचान और सामुदायिक सहयोग ही मानसिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है! का प्रचार प्रसार करना



