गुड टच–बैड टच” से लेकर साइबर क्राइम तक — बच्चों को सिखाई आत्म-सुरक्षा की सीख

बुरहानपुर (म.प्र.)। महिला सुरक्षा और बाल संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय भोपाल के निर्देशन में प्रदेशभर में “मुस्कान विशेष अभियान” संचालित किया जा रहा है।
इसी कड़ी में 12 नवंबर 2025 को थाना शाहपुर के अंतर्गत सीताबाई रामचंद्र देशमुख सांदीपनी विद्यालय शाहपुर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बुरहानपुर पुलिस अधीक्षक श्री देवेंद्र पाटीदार ने स्वयं बच्चों से संवाद किया।
🌼 अभियान का उद्देश्य: गुम बालिकाओं की दस्तयाबी और सामाजिक जागरूकता
“मुस्कान विशेष अभियान” का उद्देश्य सिर्फ गुमशुदा बालिकाओं को ढूंढना नहीं है, बल्कि शिक्षा और संवाद के माध्यम से बच्चों व महिलाओं को सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाना भी है।
यह अभियान 1 नवंबर से 30 नवंबर 2025 तक पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है।
मुख्य उद्देश्य हैं —
- गुमशुदा बालिकाओं की खोज और पुनर्वास
- महिला एवं बाल सुरक्षा पर संवाद
- साइबर अपराधों से बच्चों को सचेत करना
- स्कूलों में जाकर अभिभावकों और शिक्षकों को भी जागरूक करना
🏫 सीताबाई रामचंद्र देशमुख सांदीपनी विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम की झलक
बुरहानपुर जिले में इस अभियान का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक श्री देवेंद्र पाटीदार कर रहे हैं।
उनके निर्देशन में शाहपुर के इस विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चे, शिक्षक और अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख अधिकारी:
- श्री देवेंद्र पाटीदार, पुलिस अधीक्षक, बुरहानपुर
- डीएसपी प्रीतम सिंह ठाकुर
- थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा
- संदीप (पुलिस अधिकारी)
- विद्यालय के प्राचार्य अतीक अली, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राएँ
👧 बच्चों से संवाद: सुरक्षा और आत्मविश्वास पर खुली चर्चा
पुलिस अधीक्षक श्री देवेंद्र पाटीदार ने बच्चों से सीधे संवाद करते हुए उन्हें बताया कि —
“सुरक्षा सिर्फ बाहरी नहीं होती, बल्कि यह आत्म-जागरूकता से शुरू होती है।
हर बच्चा अपने अधिकारों को जाने और समझे — यही हमारी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने बच्चों को दिए ये महत्वपूर्ण सुझाव:
- गुड टच और बैड टच की पहचान करना सीखें।
- किसी भी असहज स्थिति में तुरंत माता-पिता, शिक्षक या पुलिस से संपर्क करें।
- साइबर बुलिंग या ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए अजनबियों से चैट या लिंक शेयर न करें।
- हेल्पलाइन नंबर 1098 (चाइल्ड हेल्पलाइन), 112 (आपातकालीन सेवा), और 181 (महिला हेल्पलाइन) हमेशा याद रखें।
🎥 शॉर्ट फिल्म के माध्यम से दिया गया संदेश
बच्चों को सुरक्षा और सायबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम में एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई।
इस फिल्म में वास्तविक घटनाओं के उदाहरण देकर बताया गया कि किस प्रकार छोटी सी जागरूकता बड़ी घटनाओं को टाल सकती है।
फिल्म देखने के बाद बच्चों ने प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर स्वयं एसपी देवेंद्र पाटीदार ने दिया।
यह संवाद सत्र बच्चों के लिए बेहद प्रेरणादायक रहा।
💬 पुलिस अधीक्षक ने कहा — “शिक्षा ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री पाटीदार ने कहा:
“अगर बच्चे शिक्षित और जागरूक होंगे, तो समाज में अपराध खुद-ब-खुद कम होंगे।
मुस्कान अभियान का उद्देश्य है कि हर बच्चा मुस्कुराए, सुरक्षित रहे और आत्मनिर्भर बने।”
उन्होंने बताया कि मुस्कान विशेष अभियान के तहत जिले के सभी थाना क्षेत्रों में पूरे महीने ऐसे कार्यक्रम लगातार आयोजित किए जाएंगे।
🧑🏫 विद्यालय परिवार की सहभागिता और सराहना
विद्यालय के प्राचार्य अतीक अली ने पुलिस विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि —
“इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और उन्हें समाज में सही-गलत की पहचान करने में मदद करते हैं।”
विद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने कहा कि ऐसे सत्र विद्यालयों में नियमित रूप से होने चाहिए ताकि सुरक्षा संबंधी विषयों पर खुलकर बातचीत हो सके।
🌐 साइबर अपराधों से बचाव के लिए पुलिस द्वारा दिए गए प्रमुख सुझाव
डिजिटल युग में बच्चे सबसे अधिक ऑनलाइन खतरों का सामना करते हैं।
कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों ने निम्न बिंदुओं पर विशेष रूप से ध्यान दिलाया:
- अजनबियों से चैट या फोटो शेयर न करें।
- OTP या पासवर्ड किसी को न बताएं।
- सोशल मीडिया अकाउंट पर गोपनीयता सेटिंग्स अपडेट रखें।
- किसी भी संदिग्ध लिंक या कॉल की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
- साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं।
👩👧 महिला सुरक्षा — परिवार और समाज दोनों की जिम्मेदारी
महिला सुरक्षा सिर्फ पुलिस या प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम में इस बात पर भी जोर दिया गया कि बच्चों को घर और स्कूल दोनों जगह खुला वातावरण और भरोसेमंद संवाद मिलना चाहिए।
माता-पिता को सलाह दी गई कि वे बच्चों से खुलकर बात करें, उन्हें सुनें और उनकी भावनाओं को समझें।
📍 मुस्कान अभियान के तहत जिलेभर में जारी कार्यक्रम
बुरहानपुर पुलिस द्वारा पूरे माह नवंबर में विभिन्न विद्यालयों और सामुदायिक संस्थानों में ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
प्रत्येक कार्यक्रम में स्थानीय थाना प्रभारी और शिक्षण संस्थान मिलकर बच्चों को सुरक्षा, कानून और सामाजिक मूल्यों से अवगत करा रहे हैं।
🧩 महत्वपूर्ण तथ्य: क्यों ज़रूरी है ‘मुस्कान अभियान’?
| विषय | उद्देश्य |
|---|---|
| 👧 गुम बालिकाओं की दस्तयाबी | बच्चों को उनके परिवार से मिलाना |
| 📚 जागरूकता शिक्षा | सुरक्षा और आत्म-सम्मान की भावना विकसित करना |
| 💻 साइबर सुरक्षा | बच्चों को डिजिटल खतरों से बचाना |
| 👮 पुलिस–जन संवाद | भरोसेमंद पुलिसिंग को बढ़ावा देना |
सामाजिक प्रभाव
अनुभव (Experience):
यह कार्यक्रम सीधे पुलिस अधिकारियों के अनुभव पर आधारित था, जो बच्चों के वास्तविक जीवन से जुड़ा है।
विशेषज्ञता (Expertise):
सायबर विशेषज्ञों और पुलिस टीम द्वारा तकनीकी जानकारी दी गई।
अधिकारिता (Authoritativeness):
कार्यक्रम का नेतृत्व स्वयं पुलिस अधीक्षक ने किया, जिससे इसकी विश्वसनीयता और बढ़ी।
विश्वसनीयता (Trustworthiness):
बच्चों को भरोसेमंद हेल्पलाइन और सुरक्षित रिपोर्टिंग प्रणाली की जानकारी दी गई।



