Wednesday, March 12, 2025
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महिला सशक्तिकरण से परिवार सशक्त, परिवार से समाज और समाज से देश सशक्त होगा-अर्चना चिटनिस

 

बुरहानपुर।

खेती में महिलाओं की भागीदारी आज भी 75 प्रतिशत से अधिक है, जबकि पुरूषों की भागीदारी 55 प्रतिशत है। फिर भी निर्णय लेने में पुरूषों का योगदान होता है। इसी को ध्यान रखते हुए खेती-किसानी के निर्णय में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चिता आज की आवश्यकता है। हम जानते है कि दुनिया में खेती-किसानी के लिए गाय और महिला की महत्ता कितनी अधिक रही है। भारतीय कृषि में महिलाएं बीज को सम्हालने और अगली फसल तक संरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी। साथ ही हमें हमारी कृषि पद्धति को शाश्वत तथा चिरंजीवी यदि बनाना है तो कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना होगा।

यह बात विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने बुरहानपुर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित ‘‘महिला किसान सम्मेलन‘‘ का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होेंने कहा कि प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा था कि इतिहासकारों के अनुसार महिलाओं ने ही सर्वप्रथम फसली पौधों का प्रयोग प्रारंभ किया और खेती की कला व विज्ञान का विकास में योगदान है। उस समय पुरूष भोजन की तलाश में शिकार करने चले जाते थे और महिलाएं देशी पेड़-पौधों से बीज व फल एकत्रित करती थी। आज जब मैं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रवास पर रहती हूं तो देखती हूं कि खेतों में कृषि कार्य करते हुए महिलाएं ही अधिक दिखती है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण से ही परिवार सशक्त होगा और परिवार से समाज तथा समाज से देश सशक्त होगा।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान‘‘ शुरू किया था। उसी अनुरूप अनेकों नारी सशक्तिकरण की योजनाओं के माध्यम से नारी शक्ति के जीवन में सुगमता लाने के सार्थक प्रयास हुए हैं। जिसमें उज्जवला, आयुष्मान भारत, सुकन्या समृद्धि, जनधन जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं सम्मिलित है। आज बुरहानपुर में हमने माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ‘‘महिला किसान सम्मेलन‘‘ के माध्यम से महिला कृषक बहनों से संवाद किया है। जिसमें जिलेभर की कृषि क्षेत्र से जुड़ी महिलाएं सम्मिलित हुई। यह एक नावाचार महिला सशक्तिकरण की दिशा में विशेष पहल है।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः‘ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रधान मंत्री बनते ही कहा था, ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ‘, उन्होंने न सिर्फ कहा था बल्कि उसे चरितार्थ भी कर कर दिखाया है। भाजपा सरकार ने आयुष्मान योजना, सुकन्या योजना, गाँव की बेटी योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से सदैव हमारी बहनों ओर बेटियों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। कार्यक्रम में कलेक्टर हर्षसिंह, जिला पंचायत सीईओ लता शरणागत, अपर कलेक्टर वीरसिंह चौहान, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने, तेजस्वनी नारी चेतना संघ डिंडोरी की सचिव श्रीमती रेखा पंद्रराम, पूर्व महापौर अतुल पटले, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनाली प्रदीप पाटिल, वीरेन्द्र तिवारी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गौराबाई दरबार, जिला पंचायत कृषि समिति अध्यक्ष श्रीमती भावना किशोर पाटिल, जिला पंचायत सदस्य डॉ.कविता अरूण सूर्ववंशी, अरुण पाटिल, बलराज नावानी, जनपद पंचायत कृषि समिति अध्यक्ष श्रीमती मेघा देवानंद पाटिल, एसडीएम श्रीमती पल्लवी पौराणिक, नगर निगमाध्यक्ष श्रीमती अनिता अमर यादव, धनराज महाजन, संभाजीराव सगरे, आशीष शुक्ला एवं डॉ.मुकेश अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रही।

श्रीमती रेखा पन्द्राम ने बताया कि हमने पांच महिलाओं के साथ कार्य शुरू करके आज हमारे समूह में 7500 से अधिक महिलाएं जुड़ी है। जो जैविक मिलेट्स एवं सब्जी उत्पादन के साथ विपणन कर रहे है और इनका वार्षिक आय 1 करोड़ रूपए से अधिक है। यह संस्थान समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। साथ ही ग्रामीण महिलाओं साथ में सात प्रकार की सब्जियों का जो कि प्रतिदिन भोजन में प्राप्त हो कार्य कर रहे है।

भोपाल से पधारे वरिष्ठ बीज प्रमाणीकरण अधिकारी राजेश चतुर्वेदी ने कहा कि जिला पूर्व में भी बीज उत्पादन का हब रहा है किंतु बी.टी कपास के कारण किसानों द्वारा बंद कर दिया गया। जबकि आज की आवश्यकता है कि समूह बनाकर कपास, गेंहू, चना और सब्जी बीज उत्पादन का कार्यक्रम करना चाहिए इस पर जिला स्तर से कार्ययोजना बनाकर कार्य करना होगा।

कलेक्टर हर्ष सिंह ने कहा कि प्रसंस्करण के मामले में आज भी महिलाएं पुरूषों से आगे है। जिले में यहां फसलों को देखते हुए समूह के माध्यम से महिलाओं का कौशल विकास करके खाद्य प्रसंस्करण एवं स्वरोजगार की अनेक संभावनाएं है। इसको और आगे बढ़ाने की जरूरत है।

श्रीराम कुरेरीया प्रगतिशील कृषक दमोह ने बताया कि गौ संवर्धन को बढ़ावा देकर ही हम जैविक खेती के द्वारा शुद्ध आहार प्राप्त करने के साथ-साथ ग्रामीण रोजगार भी बढ़ेगा।

कार्यक्रम श्रीमती अर्चना चिटनिस के मार्गदर्शन में कृषि तकनीकी प्रबंधन समिति (आत्मा) तथा उद्यानिकी एवं प्रसंस्करण विभाग बुरहानपुर द्वारा जिले के किसानों के लिए उद्यानिकी फसलों की चुनौतियां, समाधान एवं संभावनाओं पर आधारित दो दिवसीय कृषि विज्ञान मेला अंतर्गत बुरहानपुर इंदिरा कॉलोनी स्थित परमानंद गोविंदजीवाला ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया।

*9 मार्च को वैज्ञानिक करेंगे किसानों से संवाद*

9 मार्च रविवार को प्रातः 11 बजे सत्र का उद्घाटन होगा। इसमें सलिहा डेट्स तमिलनाडु के निजामुद्दीन जिले में खजूर की खेती की संभावनाओं, दमोह के प्रगतिशील कृषक श्रीराम खुरिया जैविक खेती, खरगोन कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ.एस.के.त्यागी पपीता, तरबूज, प्याज, मिर्च उत्पादन की तकनीक, तेजस्वनी नारी चेतना संघ डिंडोरी की सचिव श्रीमती रेखा पंद्रराम मिलेट्स, केन्द्रीय निम्बू वर्गीय अनुसंधान नागपुर के वैज्ञानिक डॉ.दर्शन एम कदम उद्यानिकी फसलों की चुनौतियों, समाधान एवं संभावनाओं (निम्बू, संतरा एवं किन्नू), जैन इरिगेशन सिस्टम प्रा.लि.जलगांव के वैज्ञानिक डॉ.के.बी. पाटिल केला उत्पादन की आधुनिक तकनीक एवं कीट बीमारियों से सुरक्षा विषय पर वैज्ञानिकों एवं विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा किसानों को मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

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