बुरहानपुर के मेट्रो मेडिकेयर मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल में प्री मैच्योर बच्चों को नई जिंदगी मिली है। 7 माह के गर्भ के दौरान बच्चे का जन्म होने पर गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, आईसीयू में रखने के बाद लगातार डॉक्टरों द्वारा मॉनिटर बच्चों का इलाज किया गया, आज बच्चा स्वस्थ है। नवजात बच्चे को नई जिंदगी मिलने पर मंगलवार को परिजनों द्वारा डॉक्टर सैयद नदीम सहित अस्पताल स्टाफ का पुष्पहार से स्वागत किया गया।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सैयद नदीम ने बताया कि 7 माह कुछ दिनों की गर्भावस्था के दौरान ही बच्चे का जन्म हो गया था, जिसका वजन 1700 ग्राम था, जिसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी, जिसे हम एचएमडी कहते हैं, बच्चे के फेफड़े चिपकने के कारण सांस लेने में समस्या होती है, जिसके कारण कई बार बच्चे सांस नहीं ले पाते हैं। इसलिए बच्चों को वेंटिलेटर पर रखकर इलाज किया जाता है। मेट्रो अस्पताल में करीब 20 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखकर बच्चे का इलाज किया गया, आज बच्चा स्वस्थ है।
डॉक्टर धरती पर ईश्वर का रूप
परिवार के कालू जंगाले में बताया कि राहुल सुरेश जंगाले की बेटे का जन्म गर्भावस्था के सातवें महीने में हो गया था, बच्चा प्री मैच्योर होने से गंभीर हालत में मेट्रो मेडिकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टर एवं स्टाफ द्वारा काफी मेहनत कर आज बच्चों को स्वस्थ किया गया। कहते हैं डॉक्टर धरती पर भगवान का दूसरा रूप होते हैं , आज यह साबित भी हो गया। ऐसे बच्चों के इलाज के लिए पहले परिजनों को जलगांव इंदौर जाना पड़ता था, लेकिन अब बुरहानपुर में ही इलाज होने से काफी सुविधा मिल रही है।