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दीपावली पर स्वदेशी का अलख: स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने बनाए आकर्षक दीपक, तोरण और मूर्तियां

 

**मुख्य बिंदु:**
– स्वदेशी वस्त्र और सजावटी सामान से दीदियां बना रहीं त्यौहार को खास
– रोजगार के अवसर और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
– पर्यावरण अनुकूल उत्पाद और सांस्कृतिक संरक्षण

**बुरहानपुर, 30 अक्टूबर 2024:** दीपावली के पावन पर्व पर बुरहानपुर जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं (दीदियां) इस बार स्वदेशी वस्त्र और सजावटी सामान के निर्माण से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं। जीवन स्वयं सहायता समूह की सदस्य अर्चना प्रजापति ने कहा कि दीपावली का त्यौहार खुशियों से भरा होता है और इस बार यह खुशी उनकी बनाई हुई लक्ष्मीजी की मूर्तियों और दीपकों के माध्यम से कई घरों में पहुंच रही है। अर्चना ने अपनी मेहनत से आकर्षक मूर्तियां और दीये बनाकर 8 हजार रुपये की कमाई की है, जिससे उनके चेहरे पर संतोष और प्रसन्नता झलक रही है।

मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित बख्खारी और दर्यापुर गांवों के स्व सहायता समूहों की दीदियों ने दीपावली के लिए केले के रेशों से तोरण और मिट्टी के दीये बनाए हैं। अब तक समूह की महिलाएं 12,000 दीपक बेच चुकी हैं। इनके इस प्रयास से जहां पर्यावरण अनुकूल वस्त्र का उपयोग बढ़ रहा है, वहीं यह भी दर्शाता है कि समूह की दीदियां आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं।

ग्राम दर्यापुर की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्थानीय स्तर पर स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार कर रही हैं और अपनी बनाई सामग्री गांव और आसपास के बाजारों में उपलब्ध करा रही हैं। इस त्यौहार में रोजगार के अवसर मिलने से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं बल्कि समाज में स्वदेशी के प्रति जागरूकता भी फैला रही हैं। मिट्टी के दीये जलाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वातावरण बनता है और इससे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलता है।

समूह की दीदियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें आर्थिक समर्थन देने के उद्देश्य से कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की है कि इस दीपावली पर स्वदेशी वस्तुओं, विशेषकर दीदियों द्वारा निर्मित पूजन सामग्री, मिट्टी के दीपक और सजावटी थाली का उपयोग करें। इससे समूह की महिलाओं के घरों में भी खुशहाली आएगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने में सहयोग मिलेगा।

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– स्वदेशी वस्त्र और सजावटी सामान से दीदियां बना रहीं त्यौहार को खास
– रोजगार के अवसर और आत्मनिर्भरता की ओर कदम
– पर्यावरण अनुकूल उत्पाद और सांस्कृतिक संरक्षण

**बुरहानपुर, 30 अक्टूबर 2024:** दीपावली के पावन पर्व पर बुरहानपुर जिले की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं (दीदियां) इस बार स्वदेशी वस्त्र और सजावटी सामान के निर्माण से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं। जीवन स्वयं सहायता समूह की सदस्य अर्चना प्रजापति ने कहा कि दीपावली का त्यौहार खुशियों से भरा होता है और इस बार यह खुशी उनकी बनाई हुई लक्ष्मीजी की मूर्तियों और दीपकों के माध्यम से कई घरों में पहुंच रही है। अर्चना ने अपनी मेहनत से आकर्षक मूर्तियां और दीये बनाकर 8 हजार रुपये की कमाई की है, जिससे उनके चेहरे पर संतोष और प्रसन्नता झलक रही है।

मध्यप्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित बख्खारी और दर्यापुर गांवों के स्व सहायता समूहों की दीदियों ने दीपावली के लिए केले के रेशों से तोरण और मिट्टी के दीये बनाए हैं। अब तक समूह की महिलाएं 12,000 दीपक बेच चुकी हैं। इनके इस प्रयास से जहां पर्यावरण अनुकूल वस्त्र का उपयोग बढ़ रहा है, वहीं यह भी दर्शाता है कि समूह की दीदियां आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं।

ग्राम दर्यापुर की स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्थानीय स्तर पर स्वदेशी वस्तुओं का प्रचार कर रही हैं और अपनी बनाई सामग्री गांव और आसपास के बाजारों में उपलब्ध करा रही हैं। इस त्यौहार में रोजगार के अवसर मिलने से महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं बल्कि समाज में स्वदेशी के प्रति जागरूकता भी फैला रही हैं। मिट्टी के दीये जलाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वातावरण बनता है और इससे पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलता है।

समूह की दीदियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें आर्थिक समर्थन देने के उद्देश्य से कलेक्टर ने जिलेवासियों से अपील की है कि इस दीपावली पर स्वदेशी वस्तुओं, विशेषकर दीदियों द्वारा निर्मित पूजन सामग्री, मिट्टी के दीपक और सजावटी थाली का उपयोग करें। इससे समूह की महिलाओं के घरों में भी खुशहाली आएगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने में सहयोग मिलेगा।

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