मध्यप्रदेश

किसानों की अर्चना चिटनिस ने सीएम से बात कराई, धरना प्रदर्शन किया समाप्त

बुरहानपुर.  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित अन्य कृषि संबंधी समस्याओं को लेकर चल रहे किसानों के धरना प्रदर्शन के बीच शनिवार को विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) किसानों के बीच पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने धरना स्थल पर मौजूद किसानों से विस्तारपूर्वक चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री को फोन लगाकर सीधे किसान से बात कराई। श्रीमती अर्चना चिटनिस ने बताया कि किसानों की पीड़ा और चिंताओं को समझते हुए उन्होंने तुरंत माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से चर्चा की। मुख्यमंत्री जी ने किसानों के हित में आवश्यक निर्णय शीघ्र लेने का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री से हुई चर्चा और जनप्रतिनिधियों के प्रयासों के बाद किसानों ने धरना प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की। इस दौरान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, नेपानगर विधायक सुश्री मंजू दादू एवं भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने तथा पार्टी पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

श्रीमती चिटनिस ने बताया कि धरना स्थल से ही किसानों की बात हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री जी से कराई मान. मुख्यमंत्री जी ने किसानों की मांगों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें यह आश्वस्त किया कि सरकार सभी नियम एवं प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किसानों को फसल बीमा का लाभ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे किसानों की माँगे जायज हैं और मध्यप्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है।

श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि हमारे बुरहानपुर के किसान अपनी सभ्यता, सुसंस्कार और अनुशासन के लिए जाने जाते हैं, खासकर जब वे अत्यंत मेहनत वाले केले की खेती से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हों। आज आंदोलनरत किसानों से भेंट कर उन्हें अवगत कराया गया कि सरकार उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए मुख्य रूप से तीन दिशाओं में कार्य कर रही है। सबसे पहले, फसल बीमा करने के नियम के अनुसार अनिवार्य ‘‘ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन‘‘ की स्वीकृति आगामी कैबिनेट से कराई जाएगी। तत्पश्चात ‘‘ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन‘‘ के लिए टेंडर प्रक्रिया होगी। जिसकी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उद्यानिकी विभाग उद्यानिकी फसलों के बीमा के लिए टेंडर प्रक्रिया करेगा। हालांकि, इस प्रक्रियात्मक विलंब के बीच, प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि जिले के राजस्व विभाग एवं उद्यानिकी विभाग मिलकर किसानों के वास्तविक नुकसान का आंकलन कर आरबीसी 6/4 के अंतर्गत उचित मुआवजा किसानों को मिल सके, इसे सुनिश्चित किया जाएगा। मध्यप्रदेश सरकार केले की खेती के लिए विशेष कदम उठाने वाली एकमात्र सरकार है। सरकार ने विशेषकर केले के लिए आरबीसी 6-4 के अंतर्गत मुआवजे की राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की है। पहले, 1 लाख रुपए का मुआवजा तय किया गया था और मुआवजे की अधिकतम सीमा (कैप) को 1 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपए किया गया था। किसानों की मांग पर, इसे और बढ़ाते हुए 1 लाख के मुआवजे को 2 लाख रुपए किया गया और कैप को बढ़ाकर 6 लाख रूपए किया गया है।विधायक  अर्चना चिटनिस ने कहा कि हमारी सरकार किसान हितैषी सरकार है। किसानों के अधिकार, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करना हमारा संकल्प है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के हितों की सुरक्षा का मजबूत कवच है।

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