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Tuesday, January 7, 2025

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प्राचार्य श्रीमती सीमा तंवर के सेवा कल की निष्पक्ष जांच कर उनके विरुद्ध भी हो करवाई संयुक्त मोर्चा ने दिया ज्ञापन।

 बुरहानपुर शासकीय हाई स्कूल लालबाग के भानुदास भंगाले (माध्यमिक शिक्षक) के विरुद्ध विद्यालय प्राचार्य द्वारा की गई आधारहीन शिकायत को खारिज करने और उक्त प्राचार्य के नियम विरुद्ध तानाशाहीपूर्ण आचरण पर कठोर कार्यवाही करने की मांग को लेकर विभिन्न शिक्षक संघ और संगठनो द्वारा एकजुट होकर माननीय कलेक्टर महोदय से निवेदन किया कि हैं।

 हम अधोहस्ताक्षरकर्ता संगठनों के पदाधिकारीगण एवं समस्त संगठनों के सदस्य गण इस ज्ञापन के माध्यम से निम्नानुसार बिंदुओं को आपके संज्ञान में लाना चाहते है-

बिंदु क्र. 1.

यह कि हमारे शिक्षक साथी श्री भानुदास भंगाले माध्यमिक शिक्षक है एवं वर्तमान में शासकीय उ.मा.विद्यालय लालबाग, बुरहानपुर में पदस्थ व कार्यरत है। शिक्षा विभाग में श्री भानुदास भंगाले की 26 वर्षों की सेवा में उनके द्वारा पूर्ण लगन, निष्ठा एवं समर्पण भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया गया है एवं किया जा रहा है।

बिंदु क्र. 2.

यह कि इसी संस्था में लगभग देढ़ वर्ष पूर्व प्राचार्य के रिक्त पर का उच्च पद का प्रभार शासन द्वारा श्रीमती सीमा तँवर को सौंपा गया एवं इनके द्वारा उक्त उच्च पद का प्रभार ग्रहण किया गया।

बिंदु क्र. 3.

यह कि शासकीय सेवकों को उच्च पद प्रभार सौंपने की प्रक्रिया के अन्तर्गत श्री भानुदास भंगाले (मूलतः प्राथमिक शिक्षक) को माध्यमिक शिक्षक का उच्च पद प्रभार शासन द्वारा सौंपा जाकर वर्तमान संस्था में नियुक्त किया गया।

बिंदु क्र. 4.

यह कि शासन के आदेश के पालन में श्री भानुदास भंगाले के द्वारा संस्था में दिनांक-माह अक्टूबर 2023 में कार्यभार ग्रहण किया गया एवं कार्यभार ग्रहण वाले दिवस से ही श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य महोदया द्वारा श्री भंगाले को उच्च पद प्रभार सौंपे जाने के अयोग्य बताकर उनका उपहास किया गया एवं श्री भंगाले द्वारा अपनी योग्यता सिद्ध किये जाने हेतु अवसर प्रदान करने का अनुरोध किये जाने व उपहास पर आपत्ति लिये जाने के फलस्वरूप प्राचार्य महोदया द्वारा चिढ़कर लालबाग पुलिस थाने में श्री भंगाले पर आधारहीन असत्य आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करा दी गई जो कि मात्र संपूर्ण स्टाफ पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने श्री भंगाले को आतंकित करने एवं हतोत्साहित करने हेतु उठाया गया एक नियम विरूद्ध कार्य रहा है।

बिंदु क्र. 5.

यह कि श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य के जिद्दी, अहंकारपूर्ण एवं अधीनस्थ कर्मचारियों को दोयम दर्जे का मानकर उनसे गुलामों के समान, मनचाहे कार्य करवाने की मंशा रखने वाले स्वभाव से सम्पूर्ण शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण पूर्व से ही परिचित है। श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य की इस संस्था में पदस्थापना से पूर्व का सम्पूर्ण कार्यकाल विवादास्पद, अधिनायकवादी एवं कर्मचारी विरोधी रहा है। जिसकी शिकायते समय-समय पर वरिष्ठ कार्यालयों में की जाती रही है।

बिंदु क्र. 6.

यह कि श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य महादेया अपने सेवाकाल में कभी-भी नियमित रूप समय पर संस्था में उपस्थित होने पर घोर लापरवाही करती आई है जिसके फलस्वरूप शासकीय हाईस्कूल आदिलपुरा में सेवा के दौरान वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इन्हें बिना आवेदन व कारण के सतत् अनुपस्थित होने के कारण इनका 19 दिवस का वेतन काटे जाने के आदेश प्रसारित किये गये। यह वेतन कटना इनकी शासकीय कार्यों में इनकी गंभीर उदासीनता का प्रमाण है।

बिंदु क्र. 7.

यह कि शासकीय हाईस्कूल शनवारा में पदस्थापना के दौरान श्रीमती सीमा तेंवर प्राचार्य महोदया द्वारा सम्पूर्ण अधीनस्थ कर्मचारियों को लगातार अनुचित रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, छात्रो एवं पालकों से भी अभद्र व्यवहार के कारण वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन्हें तत्काल प्रभाव से अन्यत्र संस्था शासकीय हाईस्कूल आदिलपुरा में अस्थाई रूप से स्थानान्तरित किया जा चुका है। यह घटना इनकी तानाशाही का स्पष्ट प्रमाण है।

बिंदु क्र. 8.

शासकीय उ.मा.विद्यालय शाहपुर एवं बोदरली में पदस्थापना के दौरान भी श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य का कार्यकाल अधीनस्थों को प्रताडित्रत करने वाला एवं विवादग्रस्त रहा है।

बिंदु क्र. 9.

यह कि उक्त प्राचार्य महोदय की प्रवृत्ति लगातार अधीनस्थों पर क्रूरतापूर्ण शासक की भाँति अपमानजनक, तिरस्कार पूर्ण एवं विवादों को जन्म देने वाली रही है। अतः इनकी ही वर्तमान संस्था की अनुसूचित जाति संवर्ग की एक शिक्षक सहनशीलता की सीमाएं पर किये जाने के कारण विवश होकर इनकी अनेक शिकायते वरिष्ठ कार्यालयों में की गई है जो कि आज तक विचाराधीन है।

बिंदु क्र. 10.

यह कि प्राचार्य महोदय द्वारा अपनी पूर्व पदस्थ संस्थाओं में भी अधीनस्थ कर्मचारियों की सामान्य सी छोटी-छोटी बातों को भी तूल देकर सदैव उनकी शिकायते संबंधित पुलिस थानों में करती आई है। पुलिस में शिकायत दर्ज करने हेतु इनमें इतनी आतुरता होती है कि वे पहले थाने में शिकायत दर्ज कराती है और अपने मूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को बाद में सूचित करती है।

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 हम अधोहस्ताक्षरकर्ता संगठनों के पदाधिकारीगण एवं समस्त संगठनों के सदस्य गण इस ज्ञापन के माध्यम से निम्नानुसार बिंदुओं को आपके संज्ञान में लाना चाहते है-

बिंदु क्र. 1.

यह कि हमारे शिक्षक साथी श्री भानुदास भंगाले माध्यमिक शिक्षक है एवं वर्तमान में शासकीय उ.मा.विद्यालय लालबाग, बुरहानपुर में पदस्थ व कार्यरत है। शिक्षा विभाग में श्री भानुदास भंगाले की 26 वर्षों की सेवा में उनके द्वारा पूर्ण लगन, निष्ठा एवं समर्पण भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया गया है एवं किया जा रहा है।

बिंदु क्र. 2.

यह कि इसी संस्था में लगभग देढ़ वर्ष पूर्व प्राचार्य के रिक्त पर का उच्च पद का प्रभार शासन द्वारा श्रीमती सीमा तँवर को सौंपा गया एवं इनके द्वारा उक्त उच्च पद का प्रभार ग्रहण किया गया।

बिंदु क्र. 3.

यह कि शासकीय सेवकों को उच्च पद प्रभार सौंपने की प्रक्रिया के अन्तर्गत श्री भानुदास भंगाले (मूलतः प्राथमिक शिक्षक) को माध्यमिक शिक्षक का उच्च पद प्रभार शासन द्वारा सौंपा जाकर वर्तमान संस्था में नियुक्त किया गया।

बिंदु क्र. 4.

यह कि शासन के आदेश के पालन में श्री भानुदास भंगाले के द्वारा संस्था में दिनांक-माह अक्टूबर 2023 में कार्यभार ग्रहण किया गया एवं कार्यभार ग्रहण वाले दिवस से ही श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य महोदया द्वारा श्री भंगाले को उच्च पद प्रभार सौंपे जाने के अयोग्य बताकर उनका उपहास किया गया एवं श्री भंगाले द्वारा अपनी योग्यता सिद्ध किये जाने हेतु अवसर प्रदान करने का अनुरोध किये जाने व उपहास पर आपत्ति लिये जाने के फलस्वरूप प्राचार्य महोदया द्वारा चिढ़कर लालबाग पुलिस थाने में श्री भंगाले पर आधारहीन असत्य आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करा दी गई जो कि मात्र संपूर्ण स्टाफ पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने श्री भंगाले को आतंकित करने एवं हतोत्साहित करने हेतु उठाया गया एक नियम विरूद्ध कार्य रहा है।

बिंदु क्र. 5.

यह कि श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य के जिद्दी, अहंकारपूर्ण एवं अधीनस्थ कर्मचारियों को दोयम दर्जे का मानकर उनसे गुलामों के समान, मनचाहे कार्य करवाने की मंशा रखने वाले स्वभाव से सम्पूर्ण शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण पूर्व से ही परिचित है। श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य की इस संस्था में पदस्थापना से पूर्व का सम्पूर्ण कार्यकाल विवादास्पद, अधिनायकवादी एवं कर्मचारी विरोधी रहा है। जिसकी शिकायते समय-समय पर वरिष्ठ कार्यालयों में की जाती रही है।

बिंदु क्र. 6.

यह कि श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य महादेया अपने सेवाकाल में कभी-भी नियमित रूप समय पर संस्था में उपस्थित होने पर घोर लापरवाही करती आई है जिसके फलस्वरूप शासकीय हाईस्कूल आदिलपुरा में सेवा के दौरान वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इन्हें बिना आवेदन व कारण के सतत् अनुपस्थित होने के कारण इनका 19 दिवस का वेतन काटे जाने के आदेश प्रसारित किये गये। यह वेतन कटना इनकी शासकीय कार्यों में इनकी गंभीर उदासीनता का प्रमाण है।

बिंदु क्र. 7.

यह कि शासकीय हाईस्कूल शनवारा में पदस्थापना के दौरान श्रीमती सीमा तेंवर प्राचार्य महोदया द्वारा सम्पूर्ण अधीनस्थ कर्मचारियों को लगातार अनुचित रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, छात्रो एवं पालकों से भी अभद्र व्यवहार के कारण वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन्हें तत्काल प्रभाव से अन्यत्र संस्था शासकीय हाईस्कूल आदिलपुरा में अस्थाई रूप से स्थानान्तरित किया जा चुका है। यह घटना इनकी तानाशाही का स्पष्ट प्रमाण है।

बिंदु क्र. 8.

शासकीय उ.मा.विद्यालय शाहपुर एवं बोदरली में पदस्थापना के दौरान भी श्रीमती सीमा तँवर प्राचार्य का कार्यकाल अधीनस्थों को प्रताडित्रत करने वाला एवं विवादग्रस्त रहा है।

बिंदु क्र. 9.

यह कि उक्त प्राचार्य महोदय की प्रवृत्ति लगातार अधीनस्थों पर क्रूरतापूर्ण शासक की भाँति अपमानजनक, तिरस्कार पूर्ण एवं विवादों को जन्म देने वाली रही है। अतः इनकी ही वर्तमान संस्था की अनुसूचित जाति संवर्ग की एक शिक्षक सहनशीलता की सीमाएं पर किये जाने के कारण विवश होकर इनकी अनेक शिकायते वरिष्ठ कार्यालयों में की गई है जो कि आज तक विचाराधीन है।

बिंदु क्र. 10.

यह कि प्राचार्य महोदय द्वारा अपनी पूर्व पदस्थ संस्थाओं में भी अधीनस्थ कर्मचारियों की सामान्य सी छोटी-छोटी बातों को भी तूल देकर सदैव उनकी शिकायते संबंधित पुलिस थानों में करती आई है। पुलिस में शिकायत दर्ज करने हेतु इनमें इतनी आतुरता होती है कि वे पहले थाने में शिकायत दर्ज कराती है और अपने मूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को बाद में सूचित करती है।

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