Sunday, April 20, 2025
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गर्भावस्था के दौरान जरा सा भी तनाव , बच्चे की मानसिक सेहत को बिगाड़ सकता है

बुरहानपुर  दिनांक 18.12.2024 को जिला मनकक्ष विभाग जिला चिकित्सालय बुरहानपुर के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खकनार जिला बुरहानपुर में गर्भवती माता  एवं  परिजन एवं ग्रामीणों के लिए मानसिक स्वास्थ्य की     प्राथमिकता हेतु जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ! जिला मनकक्ष प्रभारी सीनियर नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती सीमा डेविड के द्वारा बताया गया .-विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मातृ मानसिक स्वास्थ्य एक माता के समग्र कल्याण को दर्शाता है !जहां वह रोजमर्रा के तनाव से सामान्य रूप से निपटते हुए जीवन के कामों में सक्रिय रूप से शामिल हो सकती है और समाज में योगदान दे सकती है! गर्भावस्था के दौरान होने वाले नए बदलाव ,गर्भावस्था के दौरान मानसिक स्वास्थ्य में गड़बड़ी न केवल मां बल्कि नवजात शिशुको भी प्रभावित करती है ! प्रत्येक गर्भवती माता एवं गर्भस्थ शिशु खास है !इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं  एवं परिवार की जिम्मेदारी है, की जच्चा और बच्चा दोनों का विशेष सेहत जांच एवं देखभाल करें ! आत्महत्या ,गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद महिलाओं की मृत्यु के प्रमुख कारण  में से एक है !ऐसा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की खराब मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण होता है !इसलिए गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परीक्षण के साथ मानसिक परीक्षण को भी महत्व देना होगा !इसलिए *गर्भावस्था के दौरान गर्भवती माता की मन की भावना एवं सोच  को बेहतर बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं गर्भवती माता एवं परिजन  को मार्गदर्शन दिया गया !* मनकक्ष प्रभारी डॉ देवेंद्र झडानिया  मेडिकल ऑफिसर के द्वारा गर्भवती माता के मानसिक स्वास्थ के दौरान  20% महिलाएं गर्भावस्था के बाद प्रसवोत्तर अवसाद के खतरों के संपर्क में आती है ! इसलिए इस बीच वह नवजात शिशु का और स्वयं का भी ध्यान नहीं रखती! इसलिए ऐसी स्थिति को पहचाने और तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें ! प्रसव पूर्व मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण गर्भवती माता का अवसाद, दुखद और गंभीर हो सकता है !इसके लिए तुरंत सकारात्मक प्रतिक्रिया एवं उचित उपचार से निदान संभव है !इस हेतु मनहित एप एवं टेली मानस स्वास्थ्य सेवाओं का 144 16 टोल फ्री नंबर 24 घंटे उपलब्ध के बारे में जानकारी दी गई !संबंधित पोस्टर एवं बैनर के माध्यम से प्रसव संबंधी समस्या के लिए एवं मानसिक समस्याओं के लिए टोल फ्री नंबर भी की जानकारी भी दी गई !  खास तौर से उन महिलाओं को जो गंभीर जोखिम वाली है ! गर्भवती महिलाओं  एवं नई माता  बनी महिलाओं में भी मानसिक तनाव पैदा हो सकता है !लेकिन उचित चिकित्सा सहायता और परिवार से भावनात्मक आश्वासन के मानसिक समस्या का निराकरण संभव है! स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं गर्भवती माता के परिजन से मनहित ऐप डाउनलोड किया गया एवं टेली मानस का नंबर सेव करते हुए प्रचार प्रसार सामग्री का वितरण किया गया! कार्यक्रम का उद्देश्य- *मातृ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानना और उनका समाधान करना महत्वपूर्ण है!  खराब मानसिक स्वास्थ्य के द्वारा गर्भावस्था में या गर्भावस्था के दौरान गर्भवती माता या  गर्भस्थ शिशु /नवजात शिशु की मृत्यु दर को कम करना, एवं मां के जीवन की गुणवत्ता एवं नवजात शिशु के विकास एवं परिवार की गतिशीलता को बढ़ावा देना है! और समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समर्थन एवं जागरूकता को बढ़ाना  है ! “स्वस्थ माता-पिता- स्वस्थ शिशु”, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य है!* मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता –गर्भवती माता के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता, कार्यक्रम में मनकक्ष प्रभारी डॉक्टर देवेंद्र झडानीया मेडिकल ऑफिसर , डॉ आस्था डावर, डॉ अविनाश सूलया ,डॉ देवेंद्र निगोले , डॉ आस्था बादले ,बीसीएम संजय वाघ , प्रभारी सीनियर नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती सीमा डेविड सहायक नर्सिंग ऑफिसर विनीता ,खकनार सीएचसी में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर पम्पिला  परते ,शिवानी उइके एवं समस्त  , स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं गर्भवती माताएं एवं परिजन उपस्थित रहे!* *गर्भावस्था के दौरान जरा सा भी तनाव , बच्चे की मानसिक सेहत को बिगाड़ सकता है !* दिनांक 18.12.2024 को जिला मनकक्ष विभाग जिला चिकित्सालय बुरहानपुर के द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खकनार जिला बुरहानपुर में गर्भवती माता एवं परिजन एवं ग्रामीणों के लिए मानसिक स्वास्थ्य की प्राथमिकता हेतु जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ! जिला मनकक्ष प्रभारी सीनियर नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती सीमा डेविड के द्वारा बताया गया .-विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मातृ मानसिक स्वास्थ्य एक माता के समग्र कल्याण को दर्शाता है !जहां वह रोजमर्रा के तनाव से सामान्य रूप से निपटते हुए जीवन के कामों में सक्रिय रूप से शामिल हो सकती है और समाज में योगदान दे सकती है! गर्भावस्था के दौरान होने वाले नए बदलाव ,गर्भावस्था के दौरान मानसिक स्वास्थ्य में गड़बड़ी न केवल मां बल्कि नवजात शिशुको भी प्रभावित करती है ! प्रत्येक गर्भवती माता एवं गर्भस्थ शिशु खास है !इसलिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं परिवार की जिम्मेदारी है, की जच्चा और बच्चा दोनों का विशेष सेहत जांच एवं देखभाल करें ! आत्महत्या ,गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद महिलाओं की मृत्यु के प्रमुख कारण में से एक है !ऐसा गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की खराब मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों के कारण होता है !इसलिए गर्भावस्था के दौरान शारीरिक परीक्षण के साथ मानसिक परीक्षण को भी महत्व देना होगा !इसलिए *गर्भावस्था के दौरान गर्भवती माता की मन की भावना एवं सोच को बेहतर बनाने के लिए सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं गर्भवती माता एवं परिजन को मार्गदर्शन दिया गया !* मनकक्ष प्रभारी डॉ देवेंद्र झडानिया मेडिकल ऑफिसर के द्वारा गर्भवती माता के मानसिक स्वास्थ के दौरान 20% महिलाएं गर्भावस्था के बाद प्रसवोत्तर अवसाद के खतरों के संपर्क में आती है ! इसलिए इस बीच वह नवजात शिशु का और स्वयं का भी ध्यान नहीं रखती! इसलिए ऐसी स्थिति को पहचाने और तुरंत मनोचिकित्सक से संपर्क करें ! प्रसव पूर्व मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण गर्भवती माता का अवसाद, दुखद और गंभीर हो सकता है !इसके लिए तुरंत सकारात्मक प्रतिक्रिया एवं उचित उपचार से निदान संभव है !इस हेतु मनहित एप एवं टेली मानस स्वास्थ्य सेवाओं का 144 16 टोल फ्री नंबर 24 घंटे उपलब्ध के बारे में जानकारी दी गई !संबंधित पोस्टर एवं बैनर के माध्यम से प्रसव संबंधी समस्या के लिए एवं मानसिक समस्याओं के लिए टोल फ्री नंबर भी की जानकारी भी दी गई ! खास तौर से उन महिलाओं को जो गंभीर जोखिम वाली है ! गर्भवती महिलाओं एवं नई माता बनी महिलाओं में भी मानसिक तनाव पैदा हो सकता है !लेकिन उचित चिकित्सा सहायता और परिवार से भावनात्मक आश्वासन के मानसिक समस्या का निराकरण संभव है! स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं गर्भवती माता के परिजन से मनहित ऐप डाउनलोड किया गया एवं टेली मानस का नंबर सेव करते हुए प्रचार प्रसार सामग्री का वितरण किया गया! कार्यक्रम का उद्देश्य- *मातृ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानना और उनका समाधान करना महत्वपूर्ण है! खराब मानसिक स्वास्थ्य के द्वारा गर्भावस्था में या गर्भावस्था के दौरान गर्भवती माता या गर्भस्थ शिशु /नवजात शिशु की मृत्यु दर को कम करना, एवं मां के जीवन की गुणवत्ता एवं नवजात शिशु के विकास एवं परिवार की गतिशीलता को बढ़ावा देना है! और समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति समर्थन एवं जागरूकता को बढ़ाना है ! “स्वस्थ माता-पिता- स्वस्थ शिशु”, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य है!* मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता –गर्भवती माता के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता, कार्यक्रम में मनकक्ष प्रभारी डॉक्टर देवेंद्र झडानीया मेडिकल ऑफिसर , डॉ आस्था डावर, डॉ अविनाश सूलया ,डॉ देवेंद्र निगोले , डॉ आस्था बादले ,बीसीएम संजय वाघ , प्रभारी सीनियर नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती सीमा डेविड सहायक नर्सिंग ऑफिसर विनीता ,खकनार सीएचसी में पदस्थ नर्सिंग ऑफिसर पम्पिला परते ,शिवानी उइके एवं समस्त , स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं गर्भवती माताएं एवं परिजन उपस्थित रहे!

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