बुरहानपुर में चिकुनगुनिया बीमारी की दस्तक, मालवीर गांव में मिले संदिग्ध मरीज

स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
चिकुनगुनिया की पुष्टि के लिए स्वास्थ्य विभाग ने लिए 5 ब्लड सैंपल्स
स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के उपचार के लिए गांव में लगाया शिविर
बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से 25 कि मी दूरस्थ वन ग्राम मालवीर टांडा में जैसे ही संभावित चिकुनगुनिया से मिलते जुलते लक्षणों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को मिली ,विभाग द्वारा मंगलवार को प्रभावित ग्राम में जिला स्तर की टीम और शाहपुर की टीम द्वारा भ्रमण किया गया,गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाया गया जिसमें संभावित चिकुनगुनिया के 20मरीजों को तत्काल उपचार और स्वास्थ्य शिक्षा दी गई।
एपीडीमियोलॉजिस्ट रविन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि प्रभावित ग्राम टांडा 150 से अधिक परिवार है ,गांव के अधिकांश परिवार का महाराष्ट्र और अन्य स्थानों पर आना जाना जारी रहता है,गांव वन ग्राम है,ऐसी परिस्थितियां चिकुनगुनिया वायरस के लिए अनुकूल होने से गांव में संभावित चिकुनगुनिया बीमारी देखी गई ,घर घर सर्वे के दौरान गांव में 5 स्थानों पर चिकुनगुनिया फैलाने वाले एडीज मच्छर का लार्वा पाया गया,जिसे तुरंत नष्ट किया गया।
ग्रामवासियों को मच्छर के काटने से बचाव के लिए फूल आस्तीन के कपड़े पहनने ,मच्छर दानी का उपयोग करने और 7दिन से अधिक पानी जमा न होने देने की शिक्षा दी गई।
चिकुनगुनिया की पुष्टि के लिए मरीजों से 5 ब्लड सैंपल्स लिए गए है दो दिन बाद खंडवा से रिपोर्ट आएगी ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्ट आर के वर्मा ने बताया कि चिकुनगुनिया प्राण घातक बीमारी नहीं है,संक्रमित मच्छर के काटने के 2 या 3 दिन बाद अचानक बुखार आता है,जोड़ो में दर्द होता है,मरीज को थकान महसूस होती है,कभी कभी लाल दाने या उल्टी की शिकायत होती है ,उपचार लेने पर मरीज ठीक हो जाता है ,आराम की सलाह दी जाती है।
मच्छर के काटने से बचाव करना चाहिए।



