बुरहानपुर में रविवार को शहर के मुस्लिम समाज के मशहूर सूफ़ी संत हज़रत कबीर शेख रहमतुल्लाह अलैय का 495 उर्स बड़ी अक़ीदत के साथ मनाया गया। उर्स के मौके पर लंगर का भी इंतेज़ाम किया गया था जिसमे बड़ी तादाद में लोगो ने भोजन किया और दरगाह की ज़ियारत कर दुआ की । बतादेकी हज़रत शेख कबीर बाबा की दरगाह का उर्स कमेटी के सदर वरिष्ठ पत्रकार सत्त्तार शेख द्वारा किया जाता है । रविवार को शाम में संदल वरिष्ठ पत्रकार सत्त्तार शेख के निवास स्थान दाऊदपुरा से निकला गया जो विभिन्न मार्गों से होते हुए बुधवारा रोड ढोड़ी वाड़ा में स्थित दरगाह पर पहुंच संदल के दौरान कव्वाल द्वारा पैगंबर हजरत मोहम्मद और सुलतानुलहिन्द हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज की शान में एक से बढ़ कर एक कलाम पेश किए गए जिसे सुन कर संदल में मौजूद जायरीन झूम उठे। दरगाह पर संदल पहुँचने के बाद चादर चढ़ा कर कलामे पाक की तिलावत की गई और संदल चड़ाया गया और मुल्क की अमन- शांति और तरक्की के लिए दुआ की गई। जिसके बाद मासूम बच्चों के साथ साथ आम लोगो में भी तबर्रुक बांटा गया। हज़रत कबीर शेख रहमतुल्लाह अलैय हज़रत शाहबाज़ कलंदर रहमतुल्लाह अलैय के खलीफा और आपके बहुत बड़े मुरीदों में से है । आज भी यहाँ कई करामातें जाहिर होती है । आपको सभी धर्म के लोग मानते है और आप से फ़ैज़ हासिल करते है । वैसे तो बुरहानपुर शहर में आप जाली वाली दरगाह के नाम से मशहूर है ।
हज़रत कबीर शेख रहमतुल्लाह अलैय का 495वां उर्स: सत्तार शेख ने किया समारोह का आयोजन
हज़रत कबीर शेख रहमतुल्लाह अलैय का 495वां उर्स: सत्तार शेख ने किया समारोह का आयोजन
बुरहानपुर में रविवार को शहर के मुस्लिम समाज के मशहूर सूफ़ी संत हज़रत कबीर शेख रहमतुल्लाह अलैय का 495 उर्स बड़ी अक़ीदत के साथ मनाया गया। उर्स के मौके पर लंगर का भी इंतेज़ाम किया गया था जिसमे बड़ी तादाद में लोगो ने भोजन किया और दरगाह की ज़ियारत कर दुआ की । बतादेकी हज़रत शेख कबीर बाबा की दरगाह का उर्स कमेटी के सदर वरिष्ठ पत्रकार सत्त्तार शेख द्वारा किया जाता है । रविवार को शाम में संदल वरिष्ठ पत्रकार सत्त्तार शेख के निवास स्थान दाऊदपुरा से निकला गया जो विभिन्न मार्गों से होते हुए बुधवारा रोड ढोड़ी वाड़ा में स्थित दरगाह पर पहुंच संदल के दौरान कव्वाल द्वारा पैगंबर हजरत मोहम्मद और सुलतानुलहिन्द हज़रत ख्वाजा गरीब नवाज की शान में एक से बढ़ कर एक कलाम पेश किए गए जिसे सुन कर संदल में मौजूद जायरीन झूम उठे। दरगाह पर संदल पहुँचने के बाद चादर चढ़ा कर कलामे पाक की तिलावत की गई और संदल चड़ाया गया और मुल्क की अमन- शांति और तरक्की के लिए दुआ की गई। जिसके बाद मासूम बच्चों के साथ साथ आम लोगो में भी तबर्रुक बांटा गया। हज़रत कबीर शेख रहमतुल्लाह अलैय हज़रत शाहबाज़ कलंदर रहमतुल्लाह अलैय के खलीफा और आपके बहुत बड़े मुरीदों में से है । आज भी यहाँ कई करामातें जाहिर होती है । आपको सभी धर्म के लोग मानते है और आप से फ़ैज़ हासिल करते है । वैसे तो बुरहानपुर शहर में आप जाली वाली दरगाह के नाम से मशहूर है ।