Sunday, February 23, 2025
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नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना चुनाव, नामांकन फार्म रिजेक्ट करने पर उठ रहे सवाल

बुरहानपुर। नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाना मर्यादित, नवलनगर झिरी, बुरहानपुर के निर्वाचन माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर के आदेश दिनांक 29 जुलाई 2023 के अनुसार कारखाने के अंतिम सदस्यता सूची का प्रकाशन किया जाकर प्रारंभ हुआ है। जिसमें सभी सदस्यों को पात्र दर्शाया गया था लेकिन दिनांक 13 जनवरी 2025 को श्री एम.एल. गजभीये रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जो सूची का प्रकाशन किया गया उसमें कुछ सदस्यों को छोडकर सभी को अपात्र कर दिया गया है ताकि चुनाव निष्पक्ष ना हो।

कारखाने के निर्वाचन हेतु 161 प्रत्यायुक्तों के लिए हमारे द्वारा 150 नामांकन फार्म भरे गये जिसमे से 51 समूह के नामांकन फार्म यह कहते हुये अस्वीकार किया गया कि ’’’कारखाने की उपविधि क्रमांक 25 (दो) अ के क्रमांक 12 के अनुसार अपात्रता धारण करने से मध्यप्रदेष सहकारी सोसायटी अधिनियम 1962 के नियम 49 (ई/ड (5) (घ) (दो)) के अनुसार अस्वीकार किया गया’’ जो नियम विरूद्ध है। जबकि कारखाने के उपविधि क्रमांक 25 (दो) 8 (दो) कोई भी व्यक्ति समिति सोसायटी के प्रतिनिधि या प्रत्यायुक्तों के किसी निर्वाचन में मत देने के लिए हकदार नहीं होगा यदि वह उस सोसायटी या किसी अन्य सोसायटी के प्रति किसी ऐसे उधार या अग्रिम के लिए जो उसने लिया है बारह मास से अधिक कालावधि के लिए व्यतिक्रमी रहता है। इससे स्पष्ट है कि जो सदस्य कारखाने का ऋणी नहीं है वह मतदान के लिए पात्र होगा। जो सदस्य मतदान के लिए पात्र है वह प्रस्तावक व अनुमोदक बन सकता है। फिर भी रिटर्निंग अधिकारी द्वारा अभ्यथी के लिए लागू उपविधि के अनुसार पात्रता यदि उसके द्वारा गत दो लगातार वर्षो में कारखाने की चलने की दषा में कारखाने को अपने नाम से गन्ना प्रदाय नही किया गया हो का हवाला देते हुये नामांकन पत्र अस्वीकार किये गये है जो न्यायोचित नहीं है। शक्कर कारखाने का निर्माण स्व. ठाकुर षिवकुमारंिसंह द्वारा अथक परिश्रमों यहा तक की कारखाने के लिए इन्होने सांसद पद भी त्याग कर दिया जिससे क्षेत्र के हजारों किसान एवं जनता कारखाने से लाभांवित हो रहे है।

इसलिए उठ रहे सवाल

हमारे द्वारा कारखाने के प्रत्यायुक्तों हेतु 150 नामांकन फार्म भरे गये जिसमें से 100 नामांकन फार्म रिजेक्ट कर दिये गये इससे स्पष्ट है कि नियमों के विरूद्ध सत्ताधारी पक्ष के दबाव में फार्म रिजेक्ट किये गये है।

–  बी. एल. मकवाना पहले प्रबंध संचालक रहते हुये मतदाता सूची में पात्रता/अपात्रता करने व समूह बदलने के दोषी होने के बाद भी उन्हें शासन द्वारा कारखाने का प्रषासक नियुक्त किया गया जो आदेष माननीय न्यायालय द्वारा निरस्त किया गया इसके लिए न्यायालय के आभारी है।

– पूर्व में न्यायालय के आदेष से निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी लेकिन शासन के दबाव में मतदाता सूचियां बार-बार बदली गई ताकि चुनाव निष्पक्ष ना हो सके।

– नवलसिंह सहकारी शक्कर कारखाने का निर्माण स्व. ठाकुर शिवकुमारसिंह द्वारा अथक परिश्रमों यहा तक की कारखाने के लिए इन्होने सांसद पद भी त्याग कर दिया जिससे क्षेत्र के हजारों किसान एवं जनता कारखाने से लाभांवित हो रहे है।

 

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