बालिका दिवस विशेष: सुरक्षा, स्वच्छता और मानसिक स्वास्थ्य—हर बालिका के सशक्त भविष्य की नींव

बुरहानपुर। बालिका दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह वह अवसर है जब हम अपनी बेटियों के भविष्य, सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनः मजबूत करते हैं। इसी उद्देश्य से जिला चिकित्सालय बुरहानपुर के मनकक्ष विभाग ने बाल दिवस के अवसर पर शासकीय आदिवासी कन्या आश्रम, चांदनी में एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
यह कार्यक्रम बालिकाओं में मानसिक स्वास्थ्य, गुड टच-बैड टच, स्वयं की सुरक्षा, और स्वच्छता के महत्व को समझाने हेतु समर्पित था।
अभियान का मुख्य संदेश था:
“हर बालिका सशक्त, सुरक्षित, जागरूक और आत्मविश्वासी बने।”
🎉 बालिका दिवस: बेटियों को सुरक्षा और सम्मान देने का दिवस
बालिका दिवस केवल जन्मदिन मनाने जैसा आयोजन नहीं है—
यह वह दिन है जब हम यह स्वीकारते हैं कि:
- हर बालिका का जीवन मूल्यवान है
- हर बालिका को सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए
- स्वास्थ्य, शिक्षा और समान अवसर उसका अधिकार है
आज के समय में, खासतौर पर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में, बालिकाओं के सामने सुरक्षा, मानसिक तनाव, स्वच्छता और सामाजिक चुनौतियाँ अधिक होती हैं।
इन्हीं समस्याओं को कम करने के लिए बुरहानपुर में यह जागरूकता कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण रहा।

💡 मनकक्ष विभाग का बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान
11 नवंबर 2025 को मनकक्ष विभाग की टीम ने कन्या आश्रम चांदनी में भ्रमण किया।
टीम का उद्देश्य था—
“बालिकाओं को मन और शरीर दोनों की सुरक्षा के बारे में विस्तार से समझाना।”
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बालिकाएँ मौजूद थीं।
अधिक्षक श्रीमती रेखा राठौड़, आश्रम स्टाफ, और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
🧠 मानसिक स्वास्थ्य: बालिका सशक्तिकरण का सबसे बड़ा आधार
मनकक्ष टीम ने बालिकाओं को समझाया कि:
- मानसिक स्वास्थ्य कोई कमजोरी नहीं, बल्कि शक्ति है
- अपनी भावनाओं को व्यक्त करना बेहद ज़रूरी है
- किसी भी प्रकार का मनोवैज्ञानिक दबाव, तनाव या डर—सामान्य है
- जरूरत होने पर सहायता माँगना साहस का काम है
💬 विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
डॉ. दीपक (मेडिकल ऑफिसर) ने बालिकाओं को समझाया कि:
“आपके मन और विचारों का स्वस्थ रहना आपके भविष्य को सुरक्षित बनाता है।
तनाव, डर या चिंता को मन में दबाए न रखें। संवाद करें—और मदद लें।”
कार्यक्रम के दौरान टीम ने बालिकाओं का मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण (Screening) भी किया और ज़रूरतमंद बच्चों को परामर्श दिया।
👧 “गुड टच – बैड टच”: हर बालिका के लिए जीवनरक्षक ज्ञान
बालिकाओं को सिखाया गया कि:
- कौन सा स्पर्श सुरक्षित है
- कौन सा स्पर्श खतरनाक हो सकता है
- कब “NO” कहना चाहिए
- खुद की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाएँ
- किस विश्वसनीय व्यक्ति से मदद ले सकती हैं
यह जागरूकता बालिकाओं के आत्म-सुरक्षा कौशल को मजबूत बनाती है।
टीम ने बालिकाओं को समझाया कि:
“आपका शरीर आपका अधिकार है।
कोई भी स्पर्श अगर आपको असहज करे, तुरंत किसी विश्वसनीय व्यक्ति को बताएं।”
🧼 स्वच्छता और किशोर स्वास्थ्य: एक स्वस्थ जीवन की दिशा में कदम
बालिकाओं को निम्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई:
- माहवारी स्वच्छता
- साफ-सफाई के महत्व
- बीमारी से बचाव
- पोषण और आयरन की जरूरत
- व्यक्तिगत स्वच्छता की आदतें
सीनियर नर्सिंग ऑफिसर श्रीमती सीमा डेविड और श्रीमती हेमलता गौर (ANM) ने उदाहरणों के साथ बालिकाओं को समझाया कि स्वच्छता न केवल शरीर बल्कि मन को भी स्वस्थ रखती है।
☎️ किसी भी समय सहायता — मनहीत ऐप व टेली मानस (14416)
टीम ने बालिकाओं को बताया कि वे—
- टेली मानस हेल्पलाइन 14416
- मनहीत ऐप
की मदद से नि:शुल्क मानसिक परामर्श प्राप्त कर सकती हैं।
इन सेवाओं से जुड़ना बेहद आसान है और यह पूरी तरह गोपनीय हैं।
🧑⚕️ कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञ टीम
- डॉ. दीपक, मेडिकल ऑफिसर
- श्रीमती सीमा डेविड, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर
- श्रीमती हेमलता गौर, ANM
- आशा कार्यकर्ता टीम
- श्रीमती रेखा राठौड़, अधीक्षक, कन्या आश्रम
- आश्रम स्टाफ और सभी बालिकाएँ
यह टीम बच्चों के लिए एक प्रेरक और सहयोगी वातावरण बनी।
🌻 बालिकाओं की प्रतिक्रियाएँ
कार्यक्रम के बाद बालिकाओं ने कहा:
“अब हमें पता है कि हमारी सुरक्षा हमारे हाथ में भी है।”
“अगर हमें कभी डर या तनाव लगे, तो हम खुलकर बात कर सकेंगे।”
“गुड टच-बैड टच को समझना बहुत जरूरी था।”



