बुरहानपुर में 200 वर्ष पुराने स्वामीनारायण मंदिर में हर साल धनतेरस पर माता लक्ष्मीजी के कुमकुम से भरे चरणों के दर्शन का विशेष अवसर प्राप्त होता है। भक्त इसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं और चरणों का कुमकुम माथे पर लगाते हैं। मंदिर के महंत ब्रजवल्लभ शास्त्री के अनुसार, यह परंपरा भक्तों की गहरी आस्था को दर्शाती है। इस अवसर पर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। लक्ष्मी पूजन के बाद भक्त अपने घरों में लक्ष्मीजी की पूजा-अर्चना कर समृद्धि की कामना करते हैं।
धनतेरस पर बुरहानपुर के ऐतिहासिक स्वामीनारायण मंदिर में माता लक्ष्मीजी के कुमकुम से भरे चरणों के दर्शन
धनतेरस पर बुरहानपुर के ऐतिहासिक स्वामीनारायण मंदिर में माता लक्ष्मीजी के कुमकुम से भरे चरणों के दर्शन
बुरहानपुर में 200 वर्ष पुराने स्वामीनारायण मंदिर में हर साल धनतेरस पर माता लक्ष्मीजी के कुमकुम से भरे चरणों के दर्शन का विशेष अवसर प्राप्त होता है। भक्त इसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक मानते हैं और चरणों का कुमकुम माथे पर लगाते हैं। मंदिर के महंत ब्रजवल्लभ शास्त्री के अनुसार, यह परंपरा भक्तों की गहरी आस्था को दर्शाती है। इस अवसर पर महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। लक्ष्मी पूजन के बाद भक्त अपने घरों में लक्ष्मीजी की पूजा-अर्चना कर समृद्धि की कामना करते हैं।