Saturday, April 19, 2025
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Burhanpur News : खुशियों की दास्ताँ बीजो से होने लगा है अंकुरण असीरगढ़ की पहाड़ियों पर रोपे पलाश के 5 हजार बीज

अब तक रोपे 1 लाख 36 हजार बीज, आगे भी जारी रहेगा बीजरोपण का सिलसिला
बुरहानपुर/1 अगस्त, 2024/- शासन के महत्वपूर्ण अभियान ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ के तहत जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे प्रयासों का परिणाम सामने आने लगा है। बारिश के मौसम में विभिन्न ग्रामों के चिन्हित स्थलों, पहाड़ियों पर रोपे गये बीजों से अब अंकुरण दिखाई देने लगा है। निश्चित ही आगे यह क्षेत्र को हरा-भरा करने एवं समृद्ध बनाने में सहयोगी है। कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल के मार्गदर्शन में ग्राम चिंचाला, भोलाना, ईच्छापुर, फोफनार, झांझर, बोदरली, चाकबारा, जाफरपुरा, बिरोदा, सेलगांव, धुलकोट क्षेत्र में कुछ दिनों पूर्व ही पलाश के लगभग 1,20,000 बीज, देशी बबूल के 10,000 बीज, टेमरू के 1000 बीज रोपित किये गये थे। वहीं लगभग 25,000 सीड बॉल डाली गई थी। जिसमें अब अंकुरण दिखाई देने लगे है।
बुरहानपुर को हरा-भरा बनाने की श्रृंखला में एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से आज असीरगढ़ किले की सामने की पहाड़ी पर पलाश के लगभग 5,000 बीजों का रोपण किया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर श्री वीरसिंह चौहान, डिप्टी कलेक्टर श्री राजेश पाटीदार, उपसंचालक क़ृषि श्री मनोहर सिंह देवके, पटवारीगण, ग्रामीणजन, ग्राम पंचायत सचिव व रोजगार सहायक सभी ने संयुक्त रूप से सहभागिता करते हुए बीजों का रोपण किया। अभियान के तहत आगे भी बीज रोपण का सिलसिला जारी रहेगा।
डिप्टी कलेक्टर श्री राजेश पाटीदार ने बताया कि, कार्ययोजना के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा बीजरोपण का कार्य चयनित स्थलों पर निर्धारित मापदण्ड अनुसार किया जा रहा है। पलाश के पेड़ पर्यावरण के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते है। इससे भूमि की उर्वरकता तो बढ़ेगी ही साथ ही साथ मिट्टी का कटाव भी रूकेगा। इसकी खासियत यह है कि, इसके पत्ते का उपयोग दोने-पत्तल बनाने में किया जाता है और यह पर्यावरण हितैषी भी होता है। इन पेड़ों से स्थानीय जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है और यह पर्यावरण संतुलन बनाने में सहायक होते है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा छात्रावासों में किया जा रहा है बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं सिकल सेल एनीमिया की जांच

बुरहानपुर/1 अगस्त, 2024/- कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल के निर्देशानुसार जिले के छात्रावासों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। टीम निर्धारित कार्ययोजना के तहत बारी-बारी से छात्रावासों में पहुँचकर छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य की जांच कर रही है।
इसी श्रृंखला में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास खकनार, शासकीय अनुसूचित जाति सीनियर बालक छात्रावास शाहपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस बालक छात्रावास, आदिवासी बालक आश्रम उसारनी, जूनियर अनुसूचित जाति कन्या छात्रावास ईच्छापुर, विमुक्त जाति कन्या छात्रावास शिकारपुरा, सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास शिकारपुरा इत्यादि छात्रावासों में स्वास्थ्य विभाग की आरबीएसके टीम द्वारा बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए सिकल सेल एनीमिया की जांच भी की गई।

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